Sapno Ke Ghar Ki ABCD

Important Points Before Home Construction ( घर बनाने से पहले आवश्यक बिंदु )

हेलो दोस्तों , 

अपने अनुभव के आधार पर कुछ पॉइंट लिखे हैं जो आपको अपने सपनो के घर को साकार करने में काम आएंगे यह मेरा एक साल का अनुभव हैं जो मेने इस ब्लॉग में लिखा हैं, जिनको को चार भागो में  डिवाइड किया हैं जो इस प्रकार हैं 

Contents

सपनो के घर को साकार बनाने की ABCD

COVID19 से मिली सिख 

  • Room में Attach Lat-Bath होना जरुरी हैं 
  • Room में जाने का रास्ता इस तरह से हो किसी के आने-जाने में सुविधा हो 
  • घर के बाहर यदि अपने गार्डन या खुली जगह रखी हो तो वह पर Lat-Bath बना सकते हैं ( ऐसे केस में बाहर से नहा कर ही घर में आ सकते हैं)  

A. घर बनाने से पहले प्रारंभिक  तैयारियां  (प्लानिंग ) 

1.1 चेक लिस्ट 

सबसे पहले आप अपने Dream Home में क्या – क्या बनवाना चाहते हैं वो सब को एक पेपर पर नोट करते जाये मेने एक चेक लिस्ट बनाई हैं इसे आप फॉलो कर सकते हैं ।

    • सिंगल मंजिल / डबल मंजिल (Single Story/Double Story)
    • बैडरूम की संख्या (No. of Bedroom)
    • किचन (Kitchen)
    • हॉल (Hall)
    • स्टडी रूम (Study Room)
    • स्टोर रूम (Store Room)
    • पूजा घर (Pooja Ghar)
    • चढ़ाव (Stairs)
    • पोर्च (Porch)
    • कार पार्किंग (Car Parking)
    • गार्डन / किचन गार्डन / टेरेस गार्डन  (Garden / Kitchen Garden /  Terrace Garden)

 

यदि आप अपने घर में गार्डन बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो यहाँ क्लिक करे 

 

प्लान होने के बाद आप किसी भी सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) से मिलकर उन्हें प्लाट का साइज और आपको जो – जो भी बनवाना हैं बताना होगा , उसके बाद वो आपको 3 या 4 तरह के नक़्शे देंगे, उन सभी को देख कर आपको किसी एक नक़्शे को फाइनल करना होगा ,

आपको यह ध्यान रखना हैं की फाइनल होने के बाद कोई चेंज नहीं करना है  

1.2. बजट बनाने से पहले (Points Before Home Construction Budget)

    • आप को बाज़ार में जिस भी चीज का जो भी भाव बता रहे हो उससे 10% बढ़ाकर ही बजट प्लान करे
    • जो विलासिता या फेशन वाली वस्तुए हो उनको बाद में करे
    • जो आवश्यक और सेफ्टी से सम्बंधित कार्य हो उन्हें पहले करे
    • बजट बना कर काम करे

1.3. Makan ka नक्शा बनाने से पहले 

    • जितने भी चेंज हो नक़्शे पर कर ले नक्शा फाइनल होने के बाद चेंज न करे उसमे श्रम (Energy) और समय (Time) और Material  तीनो का नुकसान होता हैं।
    • पानी और बिजली की लाइन कहा से गई हैं वह नक्शा घर बनने के बाद भी अपने पास रखे बाद में जब कुछ चेंज करते हैं तो जरुरत लगती हैं।

1.4. डायरी और एक फाइल (Diary & File)

 

1.5. परमिशन   (Permission Points Before Home Construction)

    • Tube well की परमिशन लेना होती हैं।
    • नक्शा फाइनल होने के बाद नगर पालिका से मकान बनाने की परमिशन और मलबा शुल्क देना होता हैं।
    • बिजली ऑफिस से अस्थाई मीटर के लिए आवेदन करना होता हैं।
    • जब मकान कम्पलीट हो जाये तो फिर अस्थाई मीटर को स्थाई मीटर में बदलने के लिए आवेदन करना होता हैं।
    • यदि आपके एरिया में गैल गैस लाइन हैं तो उसके लिए भी आवेदन देना होता हैं , वैसे गैल गैस का कनेक्शन मकान बनने के बाद ही लेना चाहिए।

1.6. एग्रीमेंट  बनाने से पहले

दो तरीके से आप घर बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दे सकते हैं 

    1. मटेरियल के साथ (Contract With Material)
    2. बिना मटेरियल के ( जिसे लेबर कॉन्ट्रैक्ट बोला जाता हैं ) (Contract Without Material)

विथ मटेरियल ( मटेरियल  के साथ ) Contract With Material

इस वाले में जिस को भी आप कॉन्ट्रैक्ट दे रहे हैं वह खुद ही आपसे एग्रीमेंट करवा लेता हैं सभी सामान का, की वह कौन सा सामान लगाएगा और कितनी राशि का आएगा यदि आपको कुछ अलग चाहिए तो आप एक्स्ट्रा पेमेंट दे कर लगवा सकते हैं ।

विथ मटेरियल कॉन्ट्रैक्ट देने से आपको आगे की लिस्ट की कोई सर्विस और शॉप से खरीदी की जरुरत नहीं होती वह सारा कार्य कॉन्ट्रैक्टर के द्वारा किया जाता हैं , आपको सिर्फ एक ही पर्सन से बात करना होती हैं ।

लेबर कॉन्ट्रैक्ट ( मटेरियल  के बिना , सिर्फ बनाने का कार्य ) Contract Without Material

इस कॉन्ट्रैक्ट में मटेरियल आपको लाना होता हैं और बाकि सभी कारीगर ठेकेदार लाता हैं , जो भी औजार उपयोग में आते हैं उनका पैसा हमें नहीं देना हैं , हमें सिर्फ माकन में लगने वाले मटेरियल का ही पैसा देना हैं । 

एग्रीमेंट का फॉर्मेट भी हम अगले आर्टिकल में ऐड कर देंगे 

विथाउट मटेरियल के केस में हमें सभी सर्विस वाले और दुकानों से खुद को ही बात करना होती हैं उनके बारे में जानकारी निम्न हैं 

हमारे अन्य आर्टिकल

 

B. घर बनाने के लिए किन-किन लोगो से सर्विस के लिए संपर्क करना होगा 

2.1. आर्किटेक्ट इंजीनियर (Civil / Architect Engineer)


Civil Engineer को कार्य दो टाइप से दिया जाता हैं 

    • पहला – सिर्फ ड्राइंग बना कर देना 
    • दूसरा – ड्राइंग के हिसाब से काम हो रहा है की नहीं उसको मॉनिटर करना 

आर्किटेक्ट/ सिविल इंजीनियर के कार्य (Work of Civil Engineer)

    • नक्शा बनाते हैं , एलिवेशन बनाते हैं, ज़मीन पर पाउडर से लाइनिंग कर देते हैं कॉलम के लिए,
    • निचे की छत के सरिये लगाने का ड्राइंग देते हैं 
    • कॉलम के लिए सरिये का ड्राइंग देते हैं 
    • Drainage Diagram – ड्रेनेज लाइन का ड्राइंग देते हैं 
    • Electric Diagram – और यदि बात करे तो इलेक्ट्रिक उपकरण कहा लगेंगे उनका ड्राइंग भी दे देते है 
    • Elevation Plan – एलिवेशन का ड्राइंग देना 

2.2. बोरिंग (ट्यूब वेल)


    • Tube well की परमिशन लेना होती हैं।
    • नक्शा फाइनल होने के बाद और परमिशन आने के बाद Tube well का निशान करके Tube well लगवा ले

2.3. कांट्रेक्टर (ठेकेदार ) Contractor


Contractor को कार्य दो टाइप से दिया जाता हैं 

    • पहला – स्क्वायर फिट के हिसाब से रेट बता कर + कुछ चीजों के अलग से बता कर छत नपती से या जो भी नियम हो पहले बात कर ले )
    • दूसरा – प्लाट की साइज के हिसाब से एक फिक्स अमाउंट बता कर ।

Contractor  कांट्रेक्टर के कार्य 

    • आर्किटेक्ट के नक्से के बाद इनका काम चालू होता हैं 
    • कॉलम के लिए गढ्डे  करवाना 
    • सरिये डालने वाले को बुलाना 
    • छत डालने वाले को बुलाना 
    • Wall दीवार बनाने वाले को बुलाना
    • सेंटिंग करने वाले को बुलाना  
    • Plaster प्लास्टर करने वाले को बुलाना 
    • Tiles टाइल्स लगाने वाले को बुलाना 

इनका काम शुरू से आखरी तक रहता हैं ।

2.4 सिक्योरिटी गार्ड (Security Guard)


    • इनकी पूरी जवाबदारी होती हैं साइट पर से कोई भी सामान इधर उधर न हो 
    • सीमेंट को पानी से बचाना 
    • सीमेंट की बोरी या कोई सामान मकान मालिक की गैर हाजरी में आये तो उसे कलेक्ट करना 
    • कोई भी जानवर को गड्डे में जाने से रोकना स्टार्टिंग में 
    • कोई भी कारीगर द्वारा साइट से अपना कोई सामान न ले जाये  
    • कारीगर भी यदि अपना सामान उनके सुपुर्द करके गए हो तो उसका ध्यान रखना 
    • यदि अपने बात की हो तो तरी करने का काम भी कर देते हैं ।

इनका काम शुरू से आखरी तक (गेट लगने तक) रहता हैं ।

2.5. प्लम्बर (Plumber)


    • निचे वाली छत के निचे सीवरेज के पाइप डालने के लिए झिरी डालना 
    • निचे वाली छत के निचे सीवरेज के पाइप डालना 
    • लेटबाथ के पानी के पाइप के लिए ज़ीरी करना 
    • लेटबाथ के उप्पर की टंकी से कनेक्शन करना 
    • सारे नल लगाना 
    • वाश बेसिन लगाना 
    • वेस्टर्न या इंडियन शीट लगाना 
    • शावर लगाना 
    • किचन का सिंक लगाना 
    • बोरिंग की मोटर का पानी उप्पर टंकी में ले जाने के पाइप लगाना 
    • बाहर से यदि नल का कनेक्शन आये तो उसके पाइप लगाना 
    • यदि गैस गीजर लगाना हो तो उसके लिए पाइप डालना 
    • हॉट / कोल्ड वाटर लाइन यदि आप छत पर सोलर गीजर लगवाए तो 

Plumber का काम तीन स्टेप में होता हैं,  काम करने आने के पहले इनको साइट पर बुलाये और सामान की लिस्ट ले – लेवे ताकि जब भी यह आने के बोले उसके पहले आपको सामान ला कर देना हैं, सामान भी 3 स्टेप में आता हैं ।

    • पहला – जब बेस बन जाता हैं, निचे की छत डालने से पहले ड्रेनेज लाइन डालने के लिए ।
    • दूसरा – जब लेटबाथ की दीवार बन जाये उसके बाद पानी के पाइप के लिए झिरी करना और बॉटम में नॉन रिटर्नेबल वाल लगाना 
    • तीसरा – जो की फाइनल राउंड होता हैं, टाइल्स लगने के बाद, सभी नल वगैरह लगाना, पानी की टंकी से कनेक्शन करना , और सभी नल और सभी काम चेक करवाना । 

2.6. वेल्डर Welder


    • वेंटिलेशन बनाने के लिए 
    • विंडो की ग्रिल बनाने के लिए 
    • डक्ट को सिक्योर करने के लिए 
    • बाहर  का गेट,
    • चैनल गेट ( यदि  बना दे तो)
    • छत का गेट ( अधिकतर लोग लोहे के एंगल से ही बनाते हैं और बिच में पतरे से पैक करा लेते हैं ) 
    • चढ़ाव के वेंटिलेशन को पैक करने के लिए एंगल की जाली बनाने के लिए  

2.7. इलेक्ट्रीशियन Electrician


Electrician के कार्य करने का चार्ज तीन टाइप से होता हैं 

    • पहला – पॉइंट के हिसाब से (इसमें घर में लगने वाले स्विच को गिन कर अमाउंट तय करते हैं) 
    • दूसरा – प्रतिशत के हिसाब से ( जितने का लाइट का सामान आएगा उसका कोई प्रतिशत फिक्स कर लेते हैं )
    • तीसरा – एक फिक्स राशि बता देते हैं 

इलेक्ट्रीशियन के कार्य Work of Electrician

    • मीटर के बाद से लाइन को  मेन स्विच तक लाना 
    • अर्थिंग करवाना (गड्ढा आपको किसी से करवाना पड़ेगा) 
    • इलेक्ट्रिक पाइप के लिए ज़ीरी डालना 
    • पाइप में वायरिंग डालना 
    • इलेक्ट्रिक बोर्ड में स्विच , सॉकेट लगाना 
    • पावर बोर्ड लगाना 
    • बोरिंग के स्टार्टर के कनेक्शन करना 
    • गेट की लाइट के कनेक्शन 
    • छत की लाइट के कनेक्शन 
    • इन्वर्टर के लाइन वायरिंग डालना 

Electrician काम भी तीन स्टेप में होता हैं 

    • पहला – जब छत के लिए सेंटिंग हो जाती हैं सरिये दाल जाते हैं उसके बाद यह छत में सारे पाइप लगा देते हैं ।
    • दूसरा – छत खुलने के बाद और प्लास्टर करने से पहले यह इलेक्ट्रिक पाइप की झिरी डालकर पाइप लगा देते हैं और बोर्ड का बेस फिट कर देते हैं ।
    • तीसरा – प्लास्टर होने के बाद वायरिंग कर देते हैं और बोर्ड फिट कर देते हैं सारे कनेक्शन करके हमको चेक करवा देते हैं ।

2.8. पेंटर Painter


    • यदि पुट्टी या वाइट सीमेंट जो भी करना हो अंदर और बाहर
    • सभी लोहे की जाली / गेट पर रेड ऑक्साइड करने के लिए
    • सभी  लोहे की जाली / गेट पर आयल पेंट करने के लिए 
    • लकड़ी की चौखट , दरवाजो पर पेंट करने के लिए  

C. घर बनाने के लिए किन-किन दुकानों से सामान के लिए संपर्क करना होगा 

3.1. बालू रेती / मोती रेती / मुरम शॉप 


    • बालू रेती – बालू रेती का बड़ा ट्रक ही मंगवाए सस्ता पड़ता हैं
    • काली मोती रेती – काली मोती रेती को भी डम्पर से ही मंगवाए, सस्ता पड़ता है
    • ईट –  ईंट के लिए भी पहले से बात करले क्युकी हर थोड़े दिन में भाव बढ़ते जाते हैं । 

3.2. सीमेंट शॉप Cement Shop


    • सीमेंट यदि जायदा मात्रा में मंगवाते हैं तो भाड़ा नहीं लगता हैं ।
    • सीमेंट इतनी ही मंगवाए जितना का रेगुलर काम हो , क्युकी पानी लगने और ठंडी हवा लगने से सीमेंट ख़राब होती हैं ।
    • Cement एक ही कंपनी की ही मंगवाए 

3.3. सरिया शॉप (Iron Bars Shop)


    • इनके शॉप पर अधिकतर सरिया ही मिलता हैं हो सकता हैं लोहे ले पाइप मिल जाये 
    • इनके पास वेंटिलेशन की जाली बानी बनाई मिल सकती हैं 

3.4. इलेक्ट्रिक शॉप (Electric Shop)


    • अंडरग्राउंड फीटिंग का सामान 
    • स्विच बोर्ड आदि 
    • Modular Board

3.5. सेनेटरी मटेरियल शॉप (Sanitary Material Shop)


    • ड्रेनेज पाइप 
    • हॉट / कोल्ड वाटर पाइप 
    • नल, वाश बेसिन, किचन सिंक, वेस्टर्न / इंडियन शीट आदि सभी 

3.6. टाइल्स शॉप (Tiles Shop)


    • बाथरूम वाल टाइल्स 
    • बाथरूम टाइल्स ( निचे  की )
    • चढ़ाव के लिए टाइल्स 
    • किचन के लिए टाइल्स   
    • पार्किंग टाइल्स 
    • एलिवेशन के लिए टाइल्स 

3.7. मार्वल / पत्थर शॉप (Stone Shop)


    • ब्लैक मार्बल ( डेली बनाने के लिए ) लेटबाथ, हॉल, किचन, खिड़की पर उपयोग के लिए 
    • लाल पत्थर ( किचन स्टैंड के बेस , नाली ढकने के लिए )
    • कोटा स्टोन ( किचन बेस और स्टोर रूम में  पार्टीशन करने के लिए 
    • ग्रीन मार्बल / रेड मार्बल आदि (किचन स्टेण्ड के लिए)
    • व्हाइट मार्बल ( मंदिर के  लिए ) मंदिर के वाल के लिए चाहे तो टाइल्स ले सकते हैं 

3.8.  दरवाजे की शॉप (Door Shop)


    • यदि लकड़ी की चौखट लगाए तो 
    • लकड़ी के दरवाजे 
    • प्लास्टिक के दरवाजे 
    • प्लाये के दरवाजे  

हो सकता हैं इनके लिए आपको अलग अलग शॉप पर जाना भी पड़ सकता हैं । 

3.9 आयल पेंट शॉप  (Oil Paint Shop)


    • करंज का तेल / लकड़ी की चौखट के लिए प्राइमर 
    • रेड ऑक्साइड 
    • आयल पेंट ( जिस भी कलर का लगे )

3.10. इलेक्ट्रिक बोर्ड बनाने वाला (Electric Board Maker Shop)


    • यदि आप मॉडुलर बोर्ड  नहीं लगाए तो आपको इस शॉप पर जा कर बोर्ड का काम करवाना होगा 
    • वैसे यदि आप Electrician से बात कर ले तो वह भी यह कार्य खुद करवा सकते हैं 

3.11. लोहे के पाइप की शॉप (Iron Material Shop)


    • बाउंड्री के गेट के लिए पाइप लगते हैं 
    • डक्ट को ढकने के लिए पाइप लगते हैं 
    • एलिवेशन में भी कही पर उपयोग में आये तो 
    • विंडो की ग्रिल के लिए 
    • आयरन शीट (पतरे) के लिए   
    • एंगल ( विंडो, गेट, वेंटिलेशन, डक्ट के लिए )

3.12. स्टील वर्क शॉप (Steel / Alluminium  Work Shop)


    • एल्युमिनियम और ग्लास की विंडो (2 ट्रैक , 3 ट्रैक )
    • वेंटिलेशन पर यदि कुछ लगवाना चाहे तो 
    • लेटबाथ के लिए आईने 
    • चढ़ाव के लिए स्टील सेक्शन वर्क 
    • चढ़ाव वेंटिलेशन को पैक करने के लिए ग्लास 
    • शॉप पर बात करने से लेबर के साथ ही फाइनल करते हैं खुद ही आ कर लगा जाते हैं 

 

 

D. घर बनाते समय ध्यान रखने योग्य बाते 

वास्तु सम्बन्धी (Points before Home Vaastu)

वास्तु के बारे में पहले से पड़ना चालू रखे ताकि नक्शा बनाते समय निर्णय लेने में कोई दिक्कत न आये
यदि हमारे पास बहुत जगह है तो हम वास्तु के सभी नियम लगा सकते हैं , लेकिन छोटी जगह पर सरे नियम नहीं लगा पाते , इसलिए वहम न करे , जो बड़े बड़े पॉइंट हैं उन पर अमल कर ले

    • घर इस तरह से बना हो की सुबह की धुप हमारे घर में आये 
    • हवा का सर्कुलशन भी ऐसा हो की हवा पुरे घर में पास हो सके 
    • विंडोज के पास हवा क्लीन करने वाले पौधे हो ताकि नेगेटिविटी न आये 
    • ज्यादा जाने के लिए आप वास्तु एक्सपर्ट से बात करे 

गार्डन / किचन गार्डन / टेरेस गार्डन (Points before Home Garden)

    • यदि आप घर बनने के बाद गमले में कुछ लगाने के प्लान कर रहे हैं तो , घर बनना स्टार्ट होने के साथ ही पुराने घर पर पौधे ला कर उनकी देख रेख चालू करदे ताकि घर बनने के बाद आपको गमले रेडी मिल जाये
    • यदि आप गार्डन में घास लगवाना चाहते हैं तो उसकी टाइल्स भी पहले से ला कर जहा टाट के दुकड़ो पर मिटटी और खाद डालकर थोड़ी थोड़ी दुरी पर लगा ले , क्युकी यदि पुरे गार्डन की टाइल्स लाएंगे तो बहुत राशि लगेगी और यदि थोड़ी थोड़ी दूर पर लगा कर पानी देंगे तो एक बारिश के सीजन के बाद पुरे गार्डन में फ़ैल जाएगी
    • यदि आप चाहे तो डीप वाटर सिस्टम लगा सकते हैं जिससे पानी की बचत होती हैं और पौधो को भी उतना ही पानी मिलता हैं जितना चाहिए ।

पानी की टंकी बनाने से पहले (Ground) 

    • वैसे यदि बोरिंग होता हैं तो ग्राउंड वाली पानी की टैंक काम नहीं आती ,
    • पर कभी कभी टैंकर डलवाते समय हमें पहले पानी ग्राउंड वाली टंकी में ही डलवाना पड़ता हैं , और यदि नल कनेक्शन हो तो फिर ग्राउंड टंकी ही काम आती हैं ,
    • इस टंकी को भी भर के रखे नहीं तो गर्मी के कारण सीमेंट तिड़कने लगती हैं जब घर बन रहा हो तब और थोड़े समय बाद तक
    • छुटकारा पाए छत की टंकी का पानी बहने पर मोटर बंद करने से

 

कार पार्किंग बनाने से पहले (Points before home Car Parking)

    • कार आने के बाद भी दोनों साइड जगह हो ताकि बाइक वगैरह भी आसानी से निकल सके
    • कार धोने के लिए पानी का कनेक्शन हो
    • यदि छत नहीं आ रही हो तो शेड का प्लान करे 

बरामदा (Porch)

दरवाजे (Points before home doors)

    • घर का कोई भी दरवाजा ऐसा न हो के एक के ओपन करने से दूसरे पर आड़ हो या आपस में टकराये।
    • ज्यादा बड़ा दरवाजा हो तो डबल गेट वाला लगवाए।
    • यदि सेफ्टी के हिसाब से सोचे और जगह हो तो मेन इंटरेंस से पहले चैनल गेट लगवा ले 
    • बहार से एंटेरन्स वाले दरवाजे हैवी लगाए और वाटर प्रूफ हो तो और अच्छा हैं 
    • घर के अंदर वाले प्लाई वाले भी लगा सकते हैं 
    • लेटबाथ के गेट प्लास्टिक, फाइबर वाले भी लगवा सकते हैं ।

दिवार बनाने से पहले (Points before Home Wall)

    • आसपास की दीवाल कभी भी पास वाले के मकान के साथ न बनवाये , हम अधिकतर ऐसा करते हैं की यदि पास वाला 4 इंच की दीवाल बना रहा हैं और हम भी 4 इंच की बना रहे हैं तो एक साथ 8 इंच की बनवा लेते हैं, यह 8 इंच की दीवाल 4, 4 इंच की दीवाल से मजबूत तो होती हैं लेकिन यदि भविष्य में किसी एक को दीवाल तोडना हो तो दूसरे की दीवाल डैमेज होती ही हैं, बहुत सी बार विक्रय करते समय भी प्रॉब्लम आ जाती हैं यदि जिसको अपने सेल किया हैं उसको तोड़कर बनाना हो तो
    • आउटर वाल 8 इंच की रखे 
    • इनर वाल 4 इंच रख सकते है 

पूजा घर बनाने से पहले (Points before Home Pooja Ghar)

    • हवन का धुआँ निकलने के लिए टॉप में से एक जगह रखे ताकि हवन के समय आसानी से धुवा निकाला जा सके।

रूम  बनाने से पहले (Points before Home Room)

    • कमरों में अंदर फर्श में ढलान न रखे।
    • प्लास्टर होने के बाद निचे टाइल्स के 4 इंच तक का प्लास्टर निकलवा दे ताकि हम तो टाइल्स की रिप लगाए वो दीवाल की सिद में लग सके।

किचन बनाने से पहले (Points before Home Kitchen)

    • Kitchen से यदि सीधा कोई पाइप बहार जा रहा हो तो उसे इस टाइप से ढके की बहार से कोई छोटे मोठे कीड़े या साप के बच्चे अंदर न आ सके ।
    • Exhaust Fan  इस टाइप से लगवाए की बहार की हवा के कारण एक्सॉस्ट को दबाव न लगे।
    • Gail Gas  गैल गैस के कनेक्शन करवाए   ।

लेट बाथ बनाने से पहले (Points before Home Lat-Bath)

    • लेट बाथ में विशेष ध्यान रखे की जहा से पानी की निकासी का ऑप्शन रखा हैं उस तरफ ही ढलान हो 
    • यदि अपने पास जगह हो तो इंडियन और वेस्टर्न दोनों टाइप की कम से कम एक एक लेटबाथ अवश्य रखे ।
    • यदि Possible हो तो रूम में अटैच लेटबाथ जरूर रखे
    • वैंटिलेशन इस टाइप से हो की हवा रूम में आने के बजाये डायरेक्ट बाहर ही निकले 
    • यदि इन्वर्टर हो तो लेटबाथ की लाइट के कनेक्शन इन्वर्टर से करवाए 

छत बनाने से पहले (Points before Home Roof)

    • कही पर नल लगा हो
    • कपडे धोने के हिसाब से जगह हो  
    • छत साफ सुथरी रखे, कही पर पानी न जमने दे, पानी जमना छत को कमजोर करता हैं
    • चढ़ाव के एरिया में जगह हो ताकि बिस्तर/कपडे  या कुछ ऐसा सामान रख सके
    • छत का ढलान आगे की तरफ हो

डक्ट बनाने से पहले

    • डक्ट में मजबूती के लिए हैंडपंप की शॉट का उपयोग कर सकते हैं ।
    • डक्ट को हर मौसम में काम आये इस प्रकार से डिज़ाइन करवाए।
    • सिक्योरिटी के लिए डक्ट की चौड़ाई कम रखे लम्बाई ज्यादा रख सकते हैं ।

पानी की टंकी  (छत  )

इलेक्ट्रिक (Points before home electricity wiring)

    • मीटर बिलकुल बाहर हो , और ज्यादा ऊँचा न हो लॉक लगा हो तब भी रीडिंग ले सके
    • अर्थ का प्रॉपर ध्यान रखे, हर बोर्ड में अर्थिंग करवाए ।
    • बाथरूम में भी कही पर पावर सॉकेट लगवाए यदि हम इलेक्ट्रिक गीजर लगवाते हैं तो जरुरत लगती हैं
    • छत पर जाने वाली टंकी से जहा पर मोटर चालू करने का स्टार्टे हैं वह से 4 वायर एक्स्ट्रा लगवा ले ताकि भविष्य में मोटर आटोमेटिक ऑफ करना हुए तो कनेक्शन करने में आसानी हो (आटोमेटिक ऑफ करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़े) 
    • छत पर कभी कोई कार्यक्रम करते हैं तो चारो कोने पर पावर वाले वायर छुटवाले ताकि कभी लाइट लगाना हो तो लगा सके ।
    • इन्वर्टर के कनेक्शन 

टाइल्स Tiles

    • टाइल्स जो भी बचे उनको संभाल कर रखे, बाद में टूट फुट में काम आती हैं , क्युकी जरुरी नहीं की अपने जो डिज़ाइन की टाइल्स ली हैं उसके जैसी ही बाद में मिले

तरी 

    • तरी का विशेष ध्यान रखे , तरी जितनी अच्छी होगी सीमेंट जॉइंट होने में  उतनी मजबूती होती हैं ।
    • दीवाल बनाने से पहले ईट की भी तरी की जाती हैं 
    • जब भराव होता हैं बेस बनाने में तो तब भी उसमे पानी दिया जाता हैं जिससे वो ठीक से बैठ जाये  
    • छत बनने के बाद उस पर भी पानी भर दिया जाता हैं 
    • फिर भी ध्यान से ही पानी का उपयोग करे , व्यर्थ न बहाये , जल ही जीवन हैं 

 

तो दोस्तों आर्टिकल बहुत बड़ा हो गया , आशा हैं आपको ठीक से समझ आ गया होगा , समय देने के लिए धन्यवाद् आर्टिकल से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो जरूर लिखे । 

संदीप निगम 

selflearntech@gmail.com

https://selfimagination.in

 

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