भगवान श्री चित्रगुप्तजी पीठ वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

भगवान श्री चित्रगुप्तजी पीठ वृंदावन के बारे में जानकारी

  • ब्रज शांति कुंज, वृंदावन गोवर्धन मार्ग, सूरजकुंड ग्राम जुल्हेंदी, वृंदावन जिला मथुरा ब्रज प्रांत (उत्तर प्रदेश) 281504
  • छटीकरा बस स्टैंड से दुरी : लगभग 11.6 की.मी
  • वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन से दुरी : लगभग 11.9 की.मी
  • एयरपोर्ट से दुरी: लगभग 80 की.मी. (आगरा एयरपोर्ट)
  • संपर्क : 9015082766, 8929005544, 7065013874
  • भूमि पूजन 14.01.2023
  • मंत्र लेखन महा बैंक की स्थापना : 14.01.2023
  • आधार शीला : 22-04-2023 (अक्षय तृतीया)

भगवान श्री चित्रगुप्तजी पीठ वृंदावन की Google Map पर लोकेशन देखने के लिए क्लिक करे


श्री चित्रगुप्त पीठ का भूमि पूजन

दिनांक 14-01-2023 शनिवार को भगवान श्री चित्रगुप्त जी की प्रथम पीठ का भूमि पूजन वृंदावन गोवर्धन मार्ग पर स्थित ब्रज शांति कुंज मे समस्त अतिथियों एवं संतजनों कई उपस्थिति मे पूर्ण हो गया हैं ।

श्री चित्रगुप्त पीठ आधारशिला

श्री चित्रगुप्त पीठ आधारशिला का कार्यक्रम दिनांक 22 अप्रेल 2023 अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर समस्त संत जनों एवं चित्रांश बंधुओ की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ ।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे।

चित्रांशी शिल्पा स्वरूप (7065013874)
संस्थापक – सदस्य श्री चित्रगुप्त पीठ
व्यवस्थापक – श्री चित्रगुप्त वेलफेयर फाउंडेशन भारत


श्री चित्रगुप्त पीठ का उद्देश्य

सम्पूर्ण भारत मे भगवान श्री चित्रगुप्त जी के बहुत से मंदिर हैं परंतु भगवान श्री चित्रगुप्त जी के बारे मे सभी जानकारी एक स्थान से प्राप्त हो इस उद्देश्य हेतु भगवान श्री चित्रगुप्त जी पीठ की स्थापना की गई हैं । यहा पर आपको सटीक जानकारी जो की वेद और पुराणों पर आधारित होगी प्राप्त हो सकेगी ।

यदि आप श्री चित्रगुप्त जी पीठ मे स्थापना हेतु सदस्य बनना चाहते हैं तो क्लिक करे।


श्री चित्रगुप्त पीठ की विशेषताए

यहाँ पर तीन तलीय मंदिरों के साथ-साथ जल परिक्रमा, नक्षत्र वाटिका, गुरुकुल विद्यालय, पुस्तकालय, आश्रम, घर आँगन, ध्यान केंद्र, पंच कर्मा आदि स्थान भी बनाया जाना प्रस्तावित हैं।

  • भगवान श्री चित्रगुप्त जी मंदिर : प्रथम तल पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी, दोनों माताए और 12 पुत्रों के साथ विराजमान होंगे ।
  • द्वितीय तल : भगवान पशुपति नाथ और भगवान खाटू श्याम जी द्वितीय तल पर विराजित होंगे ।
  • तृतीय तल : भगवान राधा कृष्ण जी के मंदिर के साथ साथ गोवर्धन पर्वत मंदिर भी तृतीय तल होगा ।
  • जल परिक्रमा : मंदिर भवन के चारों और गोल आकार का एक कुंड बनाया जाएगा जिसके मध्य मे ही मंदिर भवन होगा। इस कुंड मे मुख्य नदियों के जल को संग्रहीत किया जाएगा। ताकि आपको एक ही स्थान पर पवित्र नदियों के दर्शन हो जाए ।
  • नक्षत्र वाटिका : मंदिर परिक्रमा मार्ग मे 27 वृक्ष होंगे प्रत्येक वृक्ष एक नक्षत्र के लिए होगा।
  • आश्रम : मंदिर के बायी और आश्रम , घर आँगन, पंचकर्मा, प्राकृतिक चिकित्सा, पुस्तकालय, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, योग केंद्र व ध्यान केंद्र होगा।
  • गुरुकुल : मंदिर के दायी और गुरुकुल विद्यालय होगा, जिसमे वेदिक शिक्षा, सनातनी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी।
  • शोध केंद्र : पुस्तकालय मे भगवान श्री चित्रगुप्त जी से संबंधित चित्रांश बंधुओ के द्वारा जो भी शोध किए गये हैं उनकी जानकारी प्राप्त हो सकेगी । आपके पास भी यदि कोई सटीक जानकारी हो तो आप भी जमा करा सकेंगे ।
  • मंत्र लेखन महा बैंक : साथ मे यहा पर साधकों के द्वारा प्रतिदिन लिखे जा रहे मंत्रों को जमा करने हेतु महा बैंक की स्थापना भी की जाएगी ।

भगवान श्री चित्रगुप्तजी पीठ वृंदावन के बारे में आपके पास अधिक जानकारी हो या दी गई जानकारी में कुछ त्रुटि हो तो कमेंट करे, जानकारी इंटरनेट के माध्यम से एकत्र की गई हैं यदि आप स्थानीय निवासी हैं और आपके पास सटीक जानकारी हो तो कमेंट करे, धन्यवाद्

अधिक जानकारी के लिए आप श्री चित्रगुप्त पीठ के YouTube को देख सकते हैं ।


एक करोड़ मंत्र पर विराजित होंगे भगवान श्री चित्रगुप्त जी

“ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः”

भगवान श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन मंत्र लेखन अभियान द्वारा प्रतिदिन चित्रांश बंधुओ से मंत्र लेखन का एक पुण्य कार्य करवाया जाता हैं। सभी बंधु घर बैठे ही मंत्र लेखन पुस्तिका मे मंत्र लिखते हैं और उन्हे विभिन्न माध्यमों से हमारे पास पहुचाते है। ताकि प्रतिदिन के मंत्रों की गणना की जा सके । यह कार्य पूर्णतः औटोमटिक System के द्वारा किया जाता है, और साथ ही साधकों को समय समय पर डिजिटल सम्मान पत्र भी प्रदान किए जाते हैं।

श्री चित्रगुप्त मंत्र लेखन महा बैंक की स्थापना

मंदिर निर्माण पूर्ण होने पर जब भगवान श्री चित्रगुप्त जी को विराजित किया जाएगा तब मंत्र साधकों द्वारा जो पुस्तिका मे मंत्र लेखन किया गया हैं उन्हे भगवान के आसान के नीचे रख और पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी को विराजित किया जाएगा । साथ ही मे यहा पर महा मंत्र लेखन बैंक की स्थापना भी की जाएगी ।

अन्य मंत्र लेखन बैंक की जानकारी हेतु क्लिक करे ।

भगवान श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन मंत्र लेखन अभियान से जुड़े और घर बैठे निम्न मंत्र लिख हमे भेजे ।

यदि आप भगवान श्री चित्रगुप्त जी के मंत्रलेखन कर व्हाट्सप और टेलीग्राम के माध्यम से जमा करने से सम्बंधित जानकारी चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करे

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे

  • चित्रांश नरेंद्र श्रीवास्तव नीमच 9425975525
  • चित्रांश मनीष निगम इंदौर 9827059128
  • चित्रांश डॉक्टर गोविंद नारायण श्रीवास्तव रीवा 9407061724

“ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः”

भगवान् श्री चित्रगुप्त जी के दर्शन

अब भगवान् श्री चित्रगुप्त जी के भारत और भारत के बाहर के सभी मंदिरो की जानकारी भी एकत्र की जा रही हैं यदि ऐसा कोई मंदिर हो जो हमारे द्वारा नहीं लिया गया हो तो आप मंदिर के फोटो, मूर्ति के फोटो और मंदिर की विशेषताएं हमें भेजे ताकि हम हर कायस्थ बंधू तक सभी मंदिरो की जानकारी पंहुचा सके ।


भगवान श्री चित्रगुप्त जी पीठ स्थापना पर प्राप्त लेख

भगवान श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन मंत्र लेखन अभियान द्वारा प्रतिमाह लेखन कला मंच के माध्यम से चित्रांश बंधुओ से अपने अपने विचार आमंत्रित किए जाते हैं । इस बार दिसंबर 2022 पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी पीठ स्थापना पर भी लेख आमंत्रित किए गए हैं जिन्हे यहा पर सम्मिलित किया गया है।

भगवान श्री चित्रगुप्त लेखन कला मंच द्वारा दिसंबर 2022 मे आमंत्रित लेख शीर्षक “भगवान श्री चित्रगुप्त जी पीठ स्थापना” मे प्रेषित लेख इस प्रकार हैं । यदि कोई भी लेख कही से Copy किया गया होगा तो उसके लिए लेखक स्वयं जवाबदार हैं ।

लेखन कला मंच अक्टूबर 2022 मे प्राप्त लेख

  • 1. चित्रांश सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उत्तर प्रदेश)
  • 2. चित्रांशी रंजना माथुर अजमेर (राजस्थान)
  • 3. चित्रांश अम्बरीश प्रधान कोरबा (छत्तीसगढ़)
  • 4. चित्रांश नवल सक्सेना जतारा जिला टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश)
  • 5. चित्रांश सहेन्द्र श्रीवास्तव जबलपुर (मध्यप्रदेश)
  • 6. चित्रांशी प्रतिभा कुलश्रेष्ठ भोपाल (मध्यप्रदेश)

1. चित्रांश सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

राष्ट्र एवं विश्व के प्रथम चित्रगुप्त पीठ की स्थापना से सबसे पहले धर्मराज भगवान चित्रगुप्त जी की संपूर्ण समाज में उनकी ग्राहयता बढ़ेगी जो अब तक उनके ही कायस्थ वंशजों की उदासीनता, लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवेये के कारण विलुप्तप्राय सी है।
पीठ की स्थापना से एक ऐसा केंद्र बन सकेगा जहां से कायस्थ समाज प्रेरणा, प्रोत्साहन, जागरूकता के साथ अपने ईष्ट की महत्ता, कायस्थों का इतिहास और अपने आराध्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराने का कारक मिल जायेगा। पीठ का लाभ न केवल कायस्थों को बल्कि सर्व समाज में भगवान चित्रगुप्त जी को उनके वास्तविक महत्व प्रतिस्थापित करने में मदद मिलेगी।न्याय के केंद्रों, न्यायालयों और शासन, प्रशासन स्तर पर भगवान चित्रगुप्त जी को उनका वास्तविक महत्व उनकी गरिमा के अनुरुप प्रकाशित होगा।पीठ की स्थापना से कायस्थ समाज की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। उन्हें अपने, अपने परिवार, समाज के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा भी मिलेगी। कायस्थ समाज के लिए यह विलक्षण आयाम होगा। उसके बाद भी यदि कायस्थ समाज नींद से बाहर नहीं आ सका तो फिर भगवान चित्रगुप्त जी भी कायस्थों का भला नहीं कर पायेंगे।यह हम सबको गंभीरता से विचार कर लेना चाहिए। क्योंकि अपने और अपनों की उपेक्षा, अपमान, निरादर अंधेरे में ही ढकेलने का अपने आप में बहुत पर्याप्त कारण है।


2. चित्रांशी रंजना माथुर अजमेर (राजस्थान)

मेरी स्वरचित व मौलिक रचना

सकल ब्रह्मांड के समस्त जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले अधिष्ठाता देवता परमपूज्य भगवान चित्रगुप्त जी महाराज जन-जन में पूजनीय माने जाते हैं। हर प्राणी के कर्मों के अनुसार अच्छा- बुरा परिणाम देने वाले सर्व ज्ञाता प्रभु श्री चित्रगुप्त जी समस्त चित्रांशों, कायस्थों के इष्टदेव हैं साथ ही सभी प्राणियों के परमपूज्य भी।

यद्यपि यह कटु सत्य है कि चित्रांशों के शीश पर प्रभु श्री चित्रगुप्त जी भगवान का वरद-हस्त है और इसीलिए वे समस्त कलाओं में सिद्ध हस्त होते हैं, तथापि मानें या न मानें यह भी सर्वमान्य सत्य है कि चित्रांशों में व्याप्त आपसी एकता के अभाव के कारण आज तक कायस्थ समुदाय एक स्थिरता व विकास प्राप्त नहीं कर सका है। अब समय आ गया है कि हम चैतन्य हों, जागरूक हों और सक्रिय होकर अपने समुदाय के हितार्थ अपने सकारात्मक कार्यों के माध्यम से कुछ उत्कृष्ट योगदान करें और कायस्थ समाज को कुछ ठोस परिणाम दे पाएं।

  • 1. सर्वप्रथम आपसी ईर्ष्या,द्वेष, वैमनस्य की भावना को विस्मृत करके एक-दूसरे का भला सोचें।
  • 2. कायस्थ बंधु भी अन्य समाजों के समान एकजुट रहें।
  • 3. संगठन में शक्ति होती है। अतः समुदाय को व्यवस्थित व संगठित होकर अपना समग्र विकास करने का समुचित प्रयास करना होगा।
  • 4. विविध क्रमबद्ध व्यवस्थित कार्य योजनाओं का गठन कर विधिवत् उन सभी को क्रियान्वित किया जाए तो निश्चय ही इसके दूरगामी लाभवर्धक परिणाम प्राप्त होंगे। धैर्यपूर्वक क्रियान्वयन करना होगा।
  • 5. समाज के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा समय-समय पर बैठकों, सभाओं, सेमिनार, गोष्ठियाँ आयोजित करके चित्रांशों की व्यक्तिगत व सामाजिक समस्याओं पर चिन्तन, मनन व उनके निवारणार्थ उपायों पर विचार किया जाना आवश्यक है।
  • 6. कथनी व करनी दोनों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। सिर्फ़ कहना आसान है परन्तु उसको यथावत लागू न किया जाए तो सिर्फ लकीर पीटने के समान ही है। यह नहीं होना चाहिए।

यह हमारे लिए अत्यंत गौरव व गर्व का विषय है कि चित्रांशों के उर स्थलों में यह पावनतम विचार उत्पन्न किया और आज विश्व में सर्वप्रथम पुण्य वृदावनधाम में चित्रगुप्त शक्ति पीठ के निर्माण के शुभमुहुर्त की शुचि घोषणा की गई है। 14 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के पावन पर्व के शुभ अवसर पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी की शक्ति पीठ का शिलान्यास चित्रांश बन्धु बान्धवों के लिए भगवान चित्रगुप्त जी का एक अभूतपूर्व अमूल्य स्नेहाशीष है। एक अतुल्य उपहार है हम चित्रांशों के लिए। हम हृदयतल की अतल गहराइयों से इस अविस्मरणीय दिन के आगमन के लिए उत्सुक हैं और इस शुभ दिवस के पथ में पलक पांवडे बिछाकर व्याकुलता से प्रतीक्षारत हैं।

हमें पूर्ण विश्वास है कि चित्रगुप्त शक्ति पीठ की स्थापना भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में इतिहास की एक अद्भुत व अद्वितीय सामाजिक उपलब्धि के रूप जन-जन हितकारी व कायस्थ समुदाय को समृद्धि, विकास व सम्पन्नता स परिपूरित करने वाले घटक के रूप में लाभान्वित करेगी।

हम इस शुभ दिन के लिए प्रतीक्षा रत हैं।


3. चित्रांश अम्बरीश प्रधान कोरबा (छत्तीसगढ़)

ॐ चित्रगुप्त नमस्तुभ्यम् विचित्राय नमों नमः।
नरकार्ति प्रशांत्यर्थम् कामान्यच्छ ममेप्सितान्।।

यह बहुत सौभाग्य का विषय है कि भारत की इस पावन भूमि पर श्री चित्रगुप्त भगवान जी की शक्ति पीठ की स्थापना होने जा रही है संपूर्ण भारत वासियों के लिए एवं कायस्थों के लिए यह बहुत ही गर्व का विषय है कि हमारी इस पावन धरा पर भारत की वृंदावन धाम में श्री चित्रगुप्त शक्ति पीठ की स्थापना होने जा रही है हम सब बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि हमें यह मौका मिला है और ईस पवित्र पावन धाम में जाकर दर्शन करने का हमें सौभाग्य मिलेगा और उनका भी ह्रदय से धन्यवाद करना चाहता हूं जिस ह्रदय में यह विचार आया और इस कार्य को गति देने के लिए वे आगे बढ़े उनका भी हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद है और सभी कायस्थ बंधुओं से अनुरोध करता हूं कि इस पावन और पवित्र कार्य पर जो प्रथम बार इस भारत भूमि में होने जा रहा है उसके लिए सब आगे से आगे बढ़कर अपने छोटे से छोटा सहयोग प्रदान करें और कायस्थ समाज को मजबूती प्रदान करें और देश विदेश और भारत भूमि पर रहने वाले सभी कायस्थों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं इस पावन पूण्य कार्य के लिए जो हमारे आराध्य श्री चित्रगुप्त जी की शक्ति पीठ की स्थापना वृंदावन में होने जा रही है सभी कायस्थ परिवार सुखी रहें स्वस्थ रहें समृद्ध है और जीवन मे उत्तरोत्तर वृद्धि करें ।


4. चित्रांश नवल सक्सेना जतारा जिला टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश)

संस्थापक- सारथी एजूकेशन ल एंड मोटीवेवनल फाउंडेशन

मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि एक बार सिर्फ एक बार वृंदावन में स्थापित हो रहे पीठ के लिए अपनी एकता और भगवान चित्रगुप्त जी के प्रति अपनी अगाध श्रृद्धा को देश को दिखा दीजिये

संघै शक्ति कलयुगै पूरे देश के चित्रगुप्त जी मंदिरों में एवं अपने घरों में भी पीठ स्थापना के दिन को उत्सव की तरह मनाये,,, शोसल मीडिया के माध्यम से अपने कार्य कृमों का प्रचार प्रसार करें, समाज में एक आध्यात्मिक वातावरण बनाये ताकि देश में एक संदेश जाए कि कायस्थ समाज आज अपनी खोई हुई ताकत को पहचान कर उठ खड़ा हुआ है

उदाहरण के तौर पर अभी जैन समाज ने सम्मेद शिखर के लिए जिस तरह देश को अपनी एकता का परिचय दिया है और विरोध किया है झारखंड सरकार को अपना फैसला बदलना पडा़।

आज पीठ के माध्यम से यह अवसर अपने पास आया है हम सभी बारह भगवान चित्रगुप्त जी के वंशज उठो समाज के लिए लड़ो,,, एक दूसरे का सहयोग करो अपनी लेखनी से ऐसा कुछ लिखो कि जो इस दिशा में काम कर रहे हैं आगे बढ़ रहे उनका मनोबल बढ़ा ओ सकारात्मक बदलाव की ओर चिंतन और मनन हो परिणाम सुखद होगें ,सभी होशियार है अब होशियार नहीं बनना है बल्कि सियार बनना है जो समाज के साथ समाज की ही बोली बोलता है केवल और केवल,, हाँ,,,, हुआ है और होगा,,, मेरी लेखन से यदि किसी की गरिमा को ठेस लगे तो नादान समझ कर माफ़ कर देना और यदि पोस्ट अच्छा लगे तो पीठ के लिए, समाज के लिए भगवान चित्रगुप्त जी के लिए अपना समय और श्रम जरूर लगाना

जो कहते हैं कि कायस्थ एक नहीं हो सकते संगठित नहीं हो सकते, उनके लिए एक उदाहरण दिया जा सके ।


5. चित्रांश सहेन्द्र श्रीवास्तव जबलपुर (मध्यप्रदेश)

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14जनवरी 2023 कायस्थ समाज के लिए बहुत ही खुशियों का दिन है समाज के लिए गौरव शाली पर्व आ रहा है वृंदावन धाम में श्री चित्रगुप्त जी की प्रेरणा से साथ ही श्री मंत्र लेखन संस्थापक के महान संतो के अथिक प्रयासों से देश में प्रथम श्री चित्रगुप्त जी भगवान पीठ की स्थापना की जा रही है समाज गौरवान्वित है साथ ही हम सभी को सदस्यता निशुल्क है अधिक से अधिक समाज में संगठित समर्पित भाव से पिरोये 5100 सदस्य बनाने में सहभागी बनें अभी तक सभी समाज के पीठ थे श्री चित्रगुप्त जी भगवान पीठ स्थापित किया जा रहा है 14जनवरी को हम सभी अधिक से अधिक समाज के चित्रांश बंधु वृंदावन धाम में पीठ स्थापित मन मन धन लगा कर सहभागी बनें और सारे देश में श्री चित्रगुप्त जी के मंदिर में सजावट और दीपावली जैसे खुशियों का पर्व मनाये श्री चित्रगुप्त जी भगवान पीठ समाज के लिए संगठित एकता धार्मिक यात्रा के लिए मील का पत्थर साबित होगा पीठ स्थापित करने में सहभागिता मैं यज्ञ में आहुतियां देने वाले महान आदरणीयों प्रभु सेवकों को कोटि कोटि प्रणाम करते हैं सम्मान बंदन अभिनंदन करते हैं


6. चित्रांशी प्रतिभा कुलश्रेष्ठ भोपाल (मध्यप्रदेश)

हम सभी कायस्थ बंधुओं पूरे विश्व में फैले हुए हैं और अपने अपने स्तर पर चित्रगुप्त जी की संतान होने का परचम लहरा रहे हैं परंतु यह एक अत्यंत हर्ष का विषय है कि वृंदावन जैसी पावन भूमि पर श्री कृष्ण के सानिध्य में मार्गदर्शन में हमारे चित्रगुप्त भगवान का पीठ भी स्थापित होने जा रहा है जो कि एक अटूट संयोग और कायस्थ समाज की उन्नति की ओर इशारा करता है ऐसा मुझे महसूस होता है।

कायस्थ समाज में जो कुछ कमियां है वह हमारे भगवान श्री कृष्ण जोकि जगतगुरु है और चित्रगुप्त जी जो सारे संसार का लेखा-जोखा रखते हैं इन दोनों के नेतृत्व में निश्चित ही कायस्थ समाज की सारी विसंगतियां दूर होकर कायस्थ मानव की बुद्धि प्रखर होगी और हम सब एकता के साथ कायस्थ गौरव का मान बढ़ा पाएंगे वृंदावन की पावन भूमि पर जिसका पैर पड़ जाए उसका जीवन धन्य हो जाता है और आप सभी चित्रगुप्त पीठ जो कि एक धाम होगा वहां पहुंचने वाले को चित्रगुप्त भगवान की असीम कृपा, बुद्धि शुद्धि, अपने देश और समाज के प्रति निश्चल समर्पण भावना, और भगवान राधा कृष्ण जी ने जैसे पांडवों का उत्थान किया था वैसे ही कायस्थ समाज को भी निश्चल प्रेम, देश भक्ति, और कायस्थ समाज, का उत्थान करने की प्रेरणा प्राप्त होगी , पूरा संसार राधा-कृष्ण मय है, ऐसा ही प्रेम हम सब के दिलों में पावन भूमि पर कदम रखकर उत्पन्न होगा, ऐसा मुझे महसूस होता है यह एक बहुत ही उत्कृष्ट कदम हमारे वरिष्ठओ ने लिया है इसका कोटि-कोटि नमन हृदय से मैं सभी को करती हूं और सभी से आग्रह और आवाहन करती हूं कि चित्रगुप्त पीठ जरूर जाए जैसे चार धाम जाते हैं वैसे ही इसको भी एक पांचवा धाम बनाएं यह हमारी मानसिक धार्मिक उन्नति के लिए ईश्वर के द्वारा एक प्रेरणा प्रदत हुई है जिसका सभी कायस्थ समाज को पूर्ण लाभ लेना चाहिए


विशेष सूचना : श्री चित्रगुप्त लेखन कला मंच संयोजन श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन एवं मंत्र लेखन संस्था भारत प्रेषित की गई
किसी रचना की भाषा की त्रुटि, संकलन की त्रुटि या रचना से संबंधित विवाद हेतु जवाबदार नहीं होगा, किसी भी तरह के विवाद हेतु हमे भेजने वाला सदस्य ही जवाबदार होगा – श्री चित्रगुप्त लेखन कला मंच संयोजन एवं श्री चित्रगुप्त शोध चिंतन एवं मंत्र लेखन


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4 thoughts on “भगवान श्री चित्रगुप्तजी पीठ वृंदावन (उत्तर प्रदेश)”

  1. सराहनीय व प्रशंसनीय प्रयास है । इसमें शामिल सभी कायस्थ जनों को नमन ! इस प्रयास को समाज में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने की आवश्यकता है जिसे यथासंभव मैं अपनी तरफ से सदा ही एक निश्चित अंतराल पर करता रहूँगा ।

    भवदीय
    राकेश कुमार रूखैयार
    पूर्व मुख्य प्रबंधक
    भारतीय स्टेट बैंक
    जमशेदपुर

    Reply
  2. Bahut hi sarahni aur sarthak pryas iske liye sabhi sakriy sadsyo ko bahut bahut sadhuwad .
    Samaj k sabhi logo ko isme Tan ,Man Dhan se sahayog dena chahiye.
    Punh sabhi ko shubhkamnaye…

    Reply

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