भगवान श्री चित्रगुप्त जी चित्रगुप्ताष्टक
श्लोक-मंगलम् चित्रगुप्तो मंगलम् स्वकायतम्।कायस्थ धर्मोस्तुते मंगलम् फलदायकम् । ओमकायम् अकायम् कालम् अकालम् ।आदिम् अनादिम् महाकाल कालम् ।।1।। स्वाविभूर्तम् जन्मस्य रहितम् ।कायस्थूलम् धर्माधिराजम् ।।2।। शिव ओम् सूत्रम् शाखम् विधातम् ।शक्तिम् तनूजम् पराकृत कृपालम् ।।3।। महाकाल पुस्तम् लेखनी सुकालम् ।मसि शारदाम् त्रय हस्ते शोभायम् ।।4।। चतुर्थम् दण्डम् दण्ड: विधानम् ।सठ्यम् साठ्यम् समा चरेतम् ।।5।। लिखितम् पठितम् वर्णम् … Read more