“ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः”
श्री चित्रगुप्त जी मन्त्र लेखन से लाभ
साथियो, मंत्र लिखने से मंत्र की शक्ति आत्मा में प्रकाशित होती हैं, जब हम मंत्र का लेखन करते हैं तो दिमाग, उंगलिया, आँखे और अन्य सभी इन्द्रियाँ एकाग्रचित होती हैं, मंत्र लेखन का प्रभाव मंत्र जाप से दस गुना अधिक होता हैं। जब हम मंत्र लेखन करते हैं तो लेखन के साथ साथ मंत्र का जाप भी साथ में हो ही जाता हैं।
श्री चित्रगुप्त जी मन्त्र लेखन कैसे करे?
मंत्र लेखन किसी भी समय और कोई भी कर सकता हैं, आपको मन में श्री चित्रगुप्त जी का ध्यान करना हैं और एक कागज पर ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः अपनी श्रद्धा अनुसार लिखना हैं, कम से कम 5 बार और अधिक से अधिक जितनी बार भी लिख सके । करीबन 2400 मंत्र लेखन से एक अनुष्ठान पूर्ण होता हैं, आप नियमित रूप से अपनी सुविधा अनुसार मंत्र लेखन कर सकते हैं।
श्री चित्रगुप्त जी मन्त्रलेखन बैंक
श्री चित्रगुप्त जी मंत्रलेखन संस्था द्वारा एक अभियान चलाया हैं आप भी यदि इसमें योगदान देना चाहते हैं तो एक कागज पर ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः मंत्र को जितनी बार लिख सकते हैं लिख कर उस पर निम्न जानकारी के साथ मंत्र लेखन बैंक के पास व्हाट्सप द्वारा भेज सकते हैं ।
- मन्त्रलेखन की संख्या
- आपका नाम
- स्थान
- मोबाइल नंबर
मंत्र लेखन भेजने के लिए आप निम्नलिखित नंबर पर व्हाट्सप कर सकते हैं
- 9425975525 – चित्रांश श्री नरेंद्र श्रीवास्तव (राष्ट्रीय संयोजक श्रीचित्रगुप्तजी मन्त्र लेखन)
- 9827059128 – चित्रांश श्री मनीष निगम
भगवान श्री चित्रगुप्त जी शोध चिंतन मंत्र लेखन अभियान के बारे मे अधिक जानकारी के लिए यंहा क्लिक करे
शुभकामनाये
श्री चित्रगुप्त जी मन्त्रलेखन टीम को कायस्थ हब द्वारा इनके सराहनीय कार्य के बहुत बहुत शुभकामनाये। आप सभी से भी अनुरोध हैं की आप भी मंत्र लेखन करके मंत्र लेखन टीम को भेजे और भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्रचार में सहयोग करे और पुण्य कमाए ।
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