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Garden Tips – सँवारे अपने बगीचे को इन नियमो से

Garden में हम जितने भी पौधे लगते हैं वह सब अलग अलग प्रकार के होते हैं उन्हें उनकी साइज के हिसाब से गार्डन में मैनेज करना होता हैं ।

Garden में हरियाली होने के कारण सुबह-शाम गार्डन में बैठना, घूमना स्वास्थ  के लाभदायक होता हैं और मानसिक रूप से शांति भी मिलती हैं, यदि आप अपने गार्डन में पक्षियों के लिए दाना और पानी का भी इंतजाम कर देंगे तो यकीं मानिये सुबह-शाम आपको हरियाली के साथ चहचहाट के साथ बहुत बढ़िया महसूस होगा और एक तरह से यह ध्यान करने जैसा ही है, यदि आँखे बंद करके आप ध्यान लगाएंगे तो सचमुच आपको बहुत बढ़िया लगेगा । 

इस लेख में हमने Garden गार्डन से सम्बन्धी सभी टॉपिक को कवर किया हैं , यदि आपको कोई सुझाव लगे तो जरूर बताइयेगा ।

आइये अब एक एक करके आपको सभी टॉपिक के बारे में बताते हैं

Contents

Garden में घास लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करे ?

Garden me घास लगाने के लिए कोई फिक्स नियम नहीं हैं , आप जो मिट्टी ले वह ऐसी न हो की उसमे जड़े फ़ैल न सके, इसलिए काली मिट्टी के बजाये लाल मिट्टी का उपयोग किया जाता हैं, लेकिन यदि आपके आस पास लाल मिट्टी नहीं मिल रही तो आप इस प्रकार से मिला कर भी मिट्टी बना सकते हैं , इन सब को मिलाने का उद्देश्य मिट्टी को इस प्रकार से रखना हैं की वह कठोर न हो

  • काली मिट्टी 2/6 हिस्सा
  • लाल मिट्टी 2/6 हिस्सा
  • कम्पोस्ट खाद या कोई और 1/6
  • बालू रेती 1/6 हिस्सा
  • इतना करने के बाद मिट्टी तैयार हो गई हैं आप आप इसे उपयोग में ले सकते हैं

Garden में कारपेट घास / देशी घास  कैसे लगाए ?

  • यदि आप कार्पेट घास लगाना चाहते हैं तो नर्सरी में आपको 2×1 फिट की टाइल्स मिलती हैं वह आप लगा सकते हैं
  • यदि आपको एकदम से गार्डन कम्पलीट करना हैं तो आप जगह के हिसाब से घास की टाइल्स लगा सकते हैं
  • यदि आप कम बजट में कार्य करना चाहते हैं तो आप जो टाइल्स लाये हैं उनको छोटे छोटे टुकड़े काट सकते हैं
  • छोटे छोटे टुकड़ा का आकर कम से कम 2 इंच रखे , आपके हिसाब से बड़ा भी ले सकते हैं
  • जो अब जो मिट्टी बनाई थी उसको प्लैन कर ले और
  • मिट्टी में रस्सी की सहायत से  एक इंच गहरी लाइन बना ले
  • अब 3 से 4 इंच की दुरी पर जो भी घास के टुकड़े काटे हैं उनको लगा दे
  • यहाँ पर कोई नियम नहीं हैं जितने पास लगाएंगे उतनी ज्यादा जल्दी गार्डन कम्पलीट होगा
  • जितनी दूर लगाएंगे उतनी कम कीमत में कार्य होगा बस समय ज्यादा लगेगा
  • शाम के समय तरी करते रहे वैसे बढ़िया असर आपको बारिश के पानी से ही दिखेगा
  • देशी – यह आसानी से लग जाती हैं और फैलती भी हैं, चलने में बढ़िया रहती हैं , आप इसे आसानी से लगा सकते हैं
  • इस पर कभी भी पोलेथिन न ढके , क्युकी पोलेथिन से हवा नहीं मिलती हैं और यह सुख जाती हैं

नए गमलो के लिए मिट्टी कैसे तैयार करे ?

  • 2/4 हिस्सा काली मिट्टी या दोमट मिट्टी का लेना चाहिए 
  • 1/4 हिस्सा बालू रेती यदि दोमट मिट्टी नहीं हो तो
  • 1/4 हिस्सा खाद का ले ( कम्पोस्ट या गोबरी दोनों में से कोई एक ) या दोनों ले रहे हैं तो सामान मात्रा में मिला ले
  • अच्छे से मिक्स कर ले अब यह मिट्टी तैयार हैं
  • कोई फिक्स नियम नहीं हैं,  यहाँ पर बालू रेत इसलिए मिलायी जाती हैं ताकि मिट्टी आपसे में चिपक – कर कठोर न हो

Garden में क्यारिया कैसे बनाये ?

  • कम से कम दो फिट गहरी क्यारी होना चाहिए
  • चौड़ाई जगह के अनुसार देखे कम से कम 2 फिट छोड़ी होना चाहिए ज्यादा बड़ी में फिर आगे देखरेख में समस्या आती हैं
  • पूरी क्यारी में खाद न डाले, जिस जगह पौधे लगाए उस जगह के आसपास खाद डाले
  • जो बड़े पौधे हैं जिनक हाइट 6 फिट से ज्यादा होती हैं उन्हें ही क्यारी में लगाए
  • कभी भी छोटे पौधे को क्यारी में नहीं लगाना चाहिए क्युकी उनकी देखरेख करने के लिए समय समय पर जगह बदलनी पड़ती हैं

Garden में गमले कोन से उपयोग में ले ?

  • पौधो की साइज के हिसाब से गमलो का चयन किया जाता हैं आमतौर पर 10 इंच वाले गमले सही होते हैं
  • गमले इस प्रकार से प्लान करे की यदि उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना हो तो आसानी हो
  • वैसे मिट्टी के गमले पौधो के लिए ठीक रहते हैं किन्तु वह आसानी से नहीं मिलते सीमेंट के गमले आसानी से मिल जाते हैं
  • वैसे आजकल फाइबर के गमले भी आने लगे हैं यह गमले सीमेंट के गमलो से महंगे होते है। 

घर में कम्पोस्ट खाद कैसे बनाये ?

  • जितने जगह हो उस हिसाब से एक इट का बॉक्स तैयार कर ले
  • वैसे  3 फिट चौड़ा और 3 फिट लम्बा और 3 फिट गहरा गड्डा बढ़िया रहता हैं
  • इट इस प्रकार से जमाये की अंदर की सामग्री बहार भी नहीं गिरे और अंदर हवा भी जाती रहे
  • केवल इट जमाये बॉक्स को पक्का न बनाये सीमेंट का उपयोग करके
  • अब अपने किचन से निकलने वाले वेस्ट की इसमें डालते जाये
  • जैसे सब्जियों के हरे पत्ते, प्याज के छिलके, आलू वगैरह की छिलके आदि
  • गार्डन की जो फूल / पत्तिया गिर जाती है उनको भी आप इसमें डाल सकते हो
  • 10 से 15 दिन में इसे एक लकड़ी के डंडे द्वारा हिला दे
  • जो भी पत्ते और सब्जिया डाली हैं वह धीरे धीरे निचे बैठती जाएगी
  • 4 महीने में निचे वाले हिस्से की खाद बन जाती हैं, यदि वह बारीक़ और भूरी हो गई हो तो उसे निकल ले
  • यदि कोई बड़े डल्ले हो तो आप उसे चूर दीजिये
  • अच्छे से मोटे छलने से छान लीजिये
  • यह आपकी खाद तैयार हैं अब इसका उपयोग आप कर सकते हैं
  • आमतौर पर 25% हिस्सा खाद का मिट्टी में मिलाया जाता हैं

पौधो के प्रकार और उनसे होने वाले फायदे 

वैसे तो बहुत प्रकार के पौधे होते हैं यहाँ पर हमने उन्ही पौधो के बारे में लिखा हैं जो हमने हमारे घर में लगाए हैं

वातावरण को शुद्ध करने वाले पौधे 

  • राम तुलसी –  घर में तुलसी होना ही चाहिए, घर में जो हवा आये वह तुलसी से टकराकर ही घर में आनी चाहिए, हिन्दू संस्कृति में शाम को हमेशा तुलसी के पास दीपक जलाया जाता हैं, इसके अनेको लाभ हैं ।
  • श्याम तुलसी – इसके पत्ते थोड़े काले होते हैं ।
  • मरवा ( एक प्रकार की तुलसी) – इसके होने से घर में सांप नहीं आते ऐसा कहा जाता हैं ।
  • मनीप्लांट – वायु को साफ करने के कार्य करता हैं ।
  • स्नेक्स – यह भी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक में परिवर्तन करता हैं
  • सुदर्शन – यह भी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक में परिवर्तन करता हैं
  • बिलपत्रभगवान को चढ़ाया जाता हैं .

 

फल वाले पौधे 

  • अंगूर – अंगूर की  बैल होती हैं किसी भी कॉर्नर पर लगा सकते हैं ।
  • नारंगी – करीबन 4 साल में इसमें फल आते हैं
  • जामफल – 2 से 3 साल में जामफल आने लगते हैं
  • पपीता – पपीते के पौधे  एक से ज्यादा ही लगाए क्युकी कभी-कभी किसी-किसी पौधे में पपीता नहीं आते ।  

फूल वाले पौधे 

  • सेवंती  – बहुत बढ़िया फूल आते है, फूल गुच्छे में आते हैं, बांस का सहारा देना होता हैं नहीं तो लटक जाता हैं ।
  • सदाबहार – इसमें गुलाबी सफ़ेद फूल आते हैं, सदाबहार इसलिए कहते हैं क्युकी हर मौसम में ही फूल आते है ।
  • गुलाब – एक साधारण गुलाब और एक बेलिया गुलाब होता हैं , इसकी पंखुड़ियों से गुलाब जल बनाया जा सकता हैं ।
  • मोगरा – बहुत खुशुदार और सुन्दर फूल आते हैं इसमें भी बहुत सी प्रजातियां हैं ।
  • मधुमालती – इसके गुलाबी और सफ़ेद फूल आते हैं , शायद शुगर को कम करने के लिए इसकी पत्तिया लाभदायक होती हैं ।

खुशबु वाले पौधे 

  • रात-रानी – रात्रि के समय इसकी महक चारो और फेल जाती है, और धीमी धीमी हवा के साथ आती हैं, बहुत मनमोहक खुशबु होती हैं ।
  • दिन का राजा – इसकी खुशबु सिर्फ दिन के समय ही आती हैं, इसकी खुशबु रात-रानी के मुकाबले कम होती हैं
  • चमेली – अच्छी खुशबु अति हैं, मुँह के छालो के लिए इसकी पत्तिया लाभदायक होती हैं
  • ग्रीन टी – इसका सही नाम के बारे में जानकारी नहीं हैं , पर इसकी पत्तियों को काट कर चाय में डालने से बहुत अच्छी खुशबु और स्वाद आता हैं

सब्जिया 

  • मैथी – बहुत कम जगह में जल्दी से लग जाती हैं, एक बार पट्टी आने पर काटने की कुछ दिनों में फिर से आ जाती हैं दो बार काटते हैं फिर तीसरी बार में जमीन से उखाड़ कर निकल लेते हैं ।
  • पालक – यह भी बहुत कम जगह में लग जाता हैं इसको को कितनी ही बार काट के काम में ले सकते हैं ।
  • करेला – नाम ही काफी हैं , इसको पसंद और ना पसंद करने वाली बहुत अच्छे से जानते हैं ।
  • भिंडी – आप एक साथ 4, 5 भिंडी के पौधे लगाए जब भी आती हैं एक पौधे में 5 या 6 आती हैं ताकि एक साथ आपको 20-25 भिंडिया मिल सके ।

सब्जिया के लिए काम में आने वाले पौधे 

  • मीठा नीम – यह पौधा बहुत धीरे चलता हैं, कड़ी में इसके पत्ते और मसालों में उपयोग में लिए जाते हैं ।
  • पोदीना – चटनी बनाने में काम आता है , इसे ऐसी जगह लगाए जहा पर काम पानी हो ज्यादा पानी में ख़राब होने लगता हैं ।
  • धनिया – काम गहराई में लग जाता हैं , काट कर बार बार उपयोग में ले सकते हैं ।
  • निम्बू – इसमें फल आने में 3-4 चार साल लगते हैं ।
  • प्याज – यह बहुत आसानी से लग जाते हैं , यदि आप प्याज को बोयेंगे तो एक के दो प्याज हो जायेंगे और बीज से लगाएंगे तो एक ही होगा ।
  • लहसुन – इसको आप प्याज के साथ लगा सकते हैं ।
  • मिर्ची – मिर्च के 2 से 3 फिट के पौधे होते हैं आप लगा सकते हैं ।

औषधि के गुण वाले पौधे 

  • गिलोय  – यह बहुत जल्दी बड़ी होती हैं, जिस पेड़ पर लगा दो उसके गुण भी इसमें आ जाते हैं ।
  • पत्थरचट्टा – इसके पत्ते को जमीन में रख कर थोड़ी से मिट्टी लगाने पर उगने लगता हैं, शायद पथरी की समस्या का इससे समाधान होता हैं ।

वैसे सभी पौधे कही न कही औषधि का कार्य करते ही हैं, यहाँ पर जो लिस्ट दी इनके अलावा भी आप पौधे लगा सकते हैं, यह पर सिर्फ उनके ही नाम दिए हैं जो हमने हमारे यहाँ लगाए हैं ।

पानी देने के नियम 

  • डायरेक्ट मोटी धार से पानी न दे
  • डायरेक्ट पानी देने से मिट्टी में गड्ढे हो जाते हैं, पौधो को नुकसान भी होता हैं
  • गर्मी में पानी एक दिन छोड़ कर दे
  • ठण्ड में पानी एक सप्ताह में दे
  • पानी का ऐसा कोई फिक्स नियम नहीं हैं यदि मिट्टी को जांचे यदि मिट्टी अंदर से सुखी हो तो आप पानी दे दे
  • वातावरण के हिसाब से पानी का नियम बदलता रहता हैं

Garden के गमलो का नवीनीकरण 

  • यदि आप समय समय पर खाद दे रहे है तो भी वर्ष में एक बार हमेशा गमले की मिट्टी बदले
  • जब मिट्टी बदलने के लिए गमले खली करे तो उन्हें साफ करे
  • और उन पर टेराकोटा कलर जो की सस्ता होता हैं कर दे
  • यदि आप सफ़ेद रंग करना चाहते हैं तो आप चुने का भी उपयोग कर सकते हैं ।
  • यदि टूट फुट हो गई हो तो सेंटिंग वायर से बांध दे।
  • यदि गमला कही से डैमेज हुआ हो तो सीमेंट और बालूरेती के मिश्रण को लगा दे ।

गमलो की मिट्टी कैसे बदले ?

  • पुरानी मिट्टी जो गमले में से निकली उसे पहले सूखा ले और अच्छी धुप दिखा दे , और जो मिट्टी के ढेले बन गए हो उनको बारीक़ कर ले , यदि छान सके तो बढ़िया हैं
  • पुरानी मिट्टी का 1/4 हिस्सा ले
  • नयी काली मिट्टी का 1/4 हिस्सा ले
  • बालू रेती का  1/4 हिस्सा
  • कम्पोस्ट खाद या गोबरी खाद का 1/4 हिस्सा
  • इन सब को आपस में मिला कर मिट्टी तैयार कर ले
  • जो गमले खाली किया उसके पौधे पर मिट्टी बहुत सावधानी से निकाले जड़ो को नुकसान नहीं होना चाहिए,
  • यदि मिट्टी नहीं निकल रही तो आप पौधे की जड़ो को पानी में डूबा दे कुछ देर बाद सारी  मिट्टी अलग हो जाएगी
  • जड़ो पर मिट्टी हटने के बाद ही फिर आप पौधे को लगाए
  • गमले को अच्छे से साफ कर ले
  • चेक कर ले की गमले में निचे  से पानी निकलने के लिए पर्याप्त स्थान हो
  • अब गमले की निचे कुछ छोटे छूटे पत्थर जमा दे या नारियल का कठोर वह हिसाब भी रख सकते हैं,
  • यह पत्थर और नरेटी इस हिसाब से रखे की मिट्टी निचे न गिरे लेकिन पानी आसानी से निकल जाये
  • आप हमने जो मिट्टी बनाई है उसे गमले में 40% तक भर दे
  • अब पौधे को उसमे रखे यदि आपको ऐसा लग रहा हैं की जड़े बहुत हैं तो आप थोड़ी बहुत कटाई कर सकते हैं
  • अब आस पास से मिट्टी डाल दे , ध्यान रखे कही से भी खाली न हो
  • गमले में मिट्टी पूरी न भरे, एक इंच निचे तक भरे । 
  • अब जहा पर तना हैं वह पर जोर से दबा दे ताकि मिट्टी अच्छे से तने को पकड़ ले
  • अब पानी डाले , पानी अपने हाथो पर डाल कर धीरे धीरे गमले में डाले
  • बस यह हो गया गमला तैयार
  • एक दो दिन इसे छाव वाली जगह ही रखे

बीज से पौधे कैसे लगाए ?

  • यदि आप बीज से कुछ उगाना चाहते हैं तो पहले बीज को किसी छोटे बर्तन या डिस्पोजल ग्लास में लगाए,
  • इसमें खाद की मात्रा ज्यादा रखे मिट्टी का बहुत कम हिस्सा ले  के बराबर हो कोकोपिट का उपयोग कर सकते हैं
  • और डायरेक्ट सूर्य की किरणों से बचाये
  • जब पौधे थोड़े बड़े हो जाये तो आप इसे बड़े गमले में शिफ्ट कर सकते हैं
  • हमने अधिकतर पौधे नर्सरी से ला कर ही लगाए हैं इसलिए बीज से लगाने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं

डाली और पत्तो की कटिंग करे

  • जो भी डाली एक दम से अलग जा रही हो उसे काट दे
  • तिरछा काटे, ताकि वह पानी न रुक सके
  • जो पत्ते ख़राब हो गए हैं उन्हें हटा दे

Garden गार्डन होने के फायदे?

वैसे तो हम सभी जानते हैं की Garden के बहुत फायदे होते हैं फिर भी कुछ चुनिंदा पॉइंट हमने इसमें लिखे हैं

  • पर्यावरण प्रदुषण से बचाव के लिए हमारे घर में गार्डन होना चाहिए
  • यदि घर में कम जगह हैं तो आप छत बार बागबानी कर सकते हैं
  • हरियाली रहती हैं जिससे आँखों को आराम मिलता हैं
  • जब भी गर्म हवा चलती हैं तो पेड़ पौधे होने से घर में उतनी गर्म नहीं आती जितनी वह होती हैं
  • सब्जिया यदि लगाते हैं तो हमें ताज़ी सब्जिया मिल जाती हैं जिसमे कोई भी रासायनिक खाद नहीं होता
  • घास पर सुबह-सुबह  नंगे पैर चलने से आँखों की ज्योति बढ़ती हैं
  • आप सुबह ध्यान कर सकते हैं
  • फूल वाले पौधे होने से आप भगवान को ताजे फूल चढ़ा सकते हैं
  • यदि फल भी हो तो कहना ही क्या
  • ओषधि – यदि आपको आयुर्वेद के बारे में पता हो तो आप इनका सही उपयोग कर सकते हैं
  • लगभग सभी पौधे किसी न किसी बीमारी का इलाज करने में मदद करते हैं

गार्डनिंग में उपयोग होने वाले कुछ टूल्स

इंटरनेट पर सर्च करने के बाद मुझे कुछ वस्तुए मिली हैं जो आपकी गार्डनिंग में मदद कर सकती हैं

Garden सारांश

इस ब्लॉग से हमने गमले की मिट्टी बनाने से लेकर मिट्टी बदलने , खाद बनाने , पत्तो की काटछांट , पानी देने के नियम आदि के बारे में जाना मुझे गार्डनिंग के बारे में बहुत जानकारी तो नहीं हैं लेकिन हमने हमारे Garden गार्डन के लिए जो करते रहते हैं उसका सारांश इस लेख में लिखा हैं , आपको यह लेख कैसा लिखा जरूर बताये धन्यवाद्

 

 

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